माता-पिता जब पहली बार यह खबर सुनते हैं कि वह दोनों मां-बाप बनने वाले हैं, तो यह पल उनके लिए बहुत खास होता है। माता-पिता अपने होने वाले बच्चे के लिए सपने संजोने लगते हैं। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी हर छोटी से छोटी जरूरतों का ख्याल उसकी मां रखती है। बच्चे का पिता भी उस समय महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। माना कि मां हमें अपने प्यार के आंचल में रखती है। लेकिन पिता भी अपने बच्चे को साहस के साथ हर कठिनाइयों से लड़ना सीखाता है। पिता अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। पिता दिन-रात इसलिए भागदौड़ करते हैं ताकि उनके बच्चों को किसी भी तरह की तकलीफों से गुजरना ना पड़े। तो आज का हमारा विषय पिता पर आधारित है। आइए आज हम पिता पर निबंध पढ़ते हैं।
मेरे पिता पर निबंध
मेरे पिता मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक हैं। उन्हें देखकर मैंने यह सीखा है कि कैसे संघर्ष, समर्पण, और सामरिकता के माध्यम से जीवन को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।
मेरे पिताजी एक कार्यकुशल और संबलपूर्ण व्यक्ति हैं। उनका संबंध नौकरी से होता है, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण से यह स्पष्ट होता है कि वे परिवार के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करने के लिए भी तैयार हैं।
मेरे पिताजी ने मेरे लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बने रहे हैं। उनके साथ बिताए गए समय में, मैंने उनके जीवन से कई महत्वपूर्ण सिखें हैं। वे मेरे लिए एक आदर्श हैं, जो मुश्किलों का सामना कैसे करते हैं और समस्याओं को कैसे पार करते हैं।
मेरे पिताजी की ममता, उनका सहानुभूति और समर्पण हमें हमेशा सुरक्षित और प्रेरित महसूस कराते हैं। उनके साथ बिताए लम्हों ने मेरी प्रवृत्तियों, मूल्यों, और दृष्टिकोण में सुधार किया है।
आखिरकार, मेरे पिताजी मेरे लिए एक सच्चे मित्र और गुरु हैं। उनकी सलाह और मार्गदर्शन ने मेरी शिक्षा और सिखाई में सहायक होते हैं, और उनका साथ हमेशा मेरे साथ है, चाहे जीवन की किसी भी स्थिति में।
समाप्त करते समय, मेरे पिताजी मेरे लिए नहीं सिर्फ एक पिता हैं, बल्कि एक महान आत्मा भी। उनका साथ होना मेरे जीवन को सजग और सार्थक बनाता है और मैं हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहूंगा।
My Father Essay In Hindi
पिता का अर्थ
मां शब्द की ही तरह पिता शब्द भी सुनने में बहुत अच्छा लगता है। पिता शब्द संस्कृत शब्द पितृ से ही अस्तित्व में आया है। पिता अपने बच्चों का सच्चा मार्गदर्शक होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। वह जी तोड़कर मेहनत करते हैं ताकि वह कमाई कर सकें और अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा-लिखा सकें। अपने बच्चों को आत्मनिर्भर एक अच्छा और जिम्मेदार पिता ही बना सकता है। पिता खुद बहुत मजबूत होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी टूटने नहीं देता है। एक जिम्मेदार पिता को यह पता होता है कि उसके बच्चे की जरूरतें क्या हैं। हमारे पुराणों में यह लिखा है कि इस दुनिया में अगर भगवान के समान ही किसी को दर्जा दिया जाता है तो वह माता-पिता ही हो सकते हैं। माता-पिता को सम्मान देना सबसे महत्वपूर्ण चीज है।
पिता की विशेषताएं
पिता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वह हमारे प्रथम गुरू होते हैं। वह हमें जीने का जब्जा सिखाते हैं। हम हर प्रकार के अच्छे गुण और नेतृत्व की क्षमता अपने पिता से ही सीखते हैं। पिता की कुछ विशेषताएं होती हैं जो उन्हें सभी से जुदा बनाती हैं-
अनुशासन में रहना- पिता की सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि वह अपने बच्चों को कड़े से कड़े अनुशासन में रहना सिखाते हैं। वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनके बच्चे हर तरह की परिस्थितियों के लिए खुद को तैयार कर सकें। एक मजबूत पिता अपनी दिनचर्या की बहुत सख्ती के साथ पालना करता है। जब उसके बच्चे अपने पिता को ऐसा करते हुए देखते हैं तो वह भी हर काम अनुशासन के साथ करते हैं।
धैर्यवान रहना- जीवन में वही व्यक्ति कामयाब हो सकता है जिसके पास धीरजता जैसा महान गुण हो। यह बात हर किसी पर लागू होती है। यहां तक कि आदर्श पिता वही होता है जो कि धैर्य के साथ हर काम करे। जब एक संतान अपने पिता को संयम में रहकर धैर्य के साथ हर काम करते हुए देखती है तो वह भी अपने जीवन के हर कार्य में संयम अपनाती है।
आदर करना- एक अच्छा पिता हमेशा सभी के लिए आदर की भावना रखता है। जब वह सब के प्रति आदर भावना रखता है तो उसके बच्चे भी अपने पिता से यही गुण सीखते हैं। एक आदर्श पिता अपने बच्चों को सीखाता है कि दूसरों के प्रति आदर भाव रखने से जीवन की राह आसान हो जाती है।
उदारता- उदारता से हम पूरी दुनिया को जीत सकते हैं। एक अच्छा पिता अपने बच्चों को हर काम में उदारता के लिए प्रेरित करता है। उदार लोग हर जगह खुश रहते हैं। एक जिम्मेदार पिता का दिल अपने बच्चों के लिए हर पल प्रेम से भरा रहता है। अपने उदार दिल के चलते वह अपने बच्चों के लिए हर चीज उपलब्ध करवाने के प्रयास में लगे रहते हैं।
हमारे जीवन में पिता का महत्व
हमारे पिता हमारे साथ हमेशा साया बनकर खड़े रहते हैं। हम इस दुनिया में रहकर तीर्थ स्थल जाते हैं लेकिन असली तीर्थ स्थल तो हमारे माता-पिता में बसते हैं। हमको भगवान को खोजने की जरूरत ही नहीं है। ईश्वर तो साक्षात हमारे पिता में ही बसते हैं। पिता के बिन सब सुना होता है। बिन पिता के हमारा जीवन ऐसा लगता है जैसे कि मानो बिन पानी के मछ्ली। पिता अपने बच्चे की हर बुरी और अच्छी परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं। वह अपने बच्चे को किसी भी प्रकार के कष्ट में नहीं देख सकते हैं। पिता खुद को हर पल मजबूत बनाए रखते हैं। ऐसा करने से उनके बच्चे भी बहुत मजबूत बनते हैं।
पिता पर मंगलेश डबराल की कविता
पिता की तस्वीर
पिता की छोटी-छोटी बहुत-सी तस्वीरें
पूरे घर में बिखरी हैं
उनकी आँखों में कोई पारदर्शी चीज़
साफ़ चमकती है
वह अच्छाई है या साहस
तस्वीर में पिता खाँसते नहीं
व्याकुल नहीं होते
उनके हाथ-पैर में दर्द नहीं होता
वे झुकते नहीं समझौते नहीं करते
एक दिन पिता अपनी तस्वीर की बग़ल में
खड़े हो जाते हैं और समझाने लगते हैं
जैसे अध्यापक बच्चों को
एक नक़्शे के बारे में बताता है
पिता कहते हैं मैं अपनी तस्वीर जैसा नहीं रहा
लेकिन मैंने जो नए कमरे जोड़े हैं
इस पुराने मकान में उन्हें तुम ले लो
मेरी अच्छाई ले लो उन बुराइयों से जूझने के लिए
जो तुम्हें रास्ते में मिलेंगी
मेरी नींद मत लो मेरे सपने लो
मैं हूँ कि चिंता करता हूँ व्याकुल होता हूँ
झुकता हूँ समझौते करता हूँ
हाथ-पैर में दर्द से कराहता हूँ
पिता की तरह खाँसता हूँ
देर तक पिता की तस्वीर देखता हूँ।
पिता पर शायरी
(1) बेटियाँ बाप की आँखों में छुपे ख़्वाब को पहचानती हैं, और कोई दूसरा इस ख़्वाब को पढ़ ले तो बुरा मानती हैं। (इफ़्तिख़ार आरिफ़)
(2) ये सोच के माँ बाप की ख़िदमत में लगा हूँ, इस पेड़ का साया मिरे बच्चों को मिलेगा। (मुन्नवर राणा)
(3) मुझ को छाँव में रखा और ख़ुद भी वो जलता रहा, मैं ने देखा इक फ़रिश्ता बाप की परछाईं में। (अज्ञात)
(4) अज़ीज़-तर मुझे रखता है वो रग-ए-जाँ से, ये बात सच है मिरा बाप कम नहीं माँ से। (ताहिर शहीर)
(5) इन का उठना नहीं है हश्र से कम, घर की दीवार बाप का साया। (अज्ञात)
मेरे पिता पर 10 लाइन
(1) मेरे पिता बहुत ही ज़िंदादिल व्यक्ति हैं।
(2) मेरे पिता के अंदर उदारता का गुण है।
(3) मेरे पिता जल्दी से हार मानने वाले व्यक्तियों में से नहीं है।
(4) मेरे पिता हमारे सारे परिवार का अच्छे से ख्याल रखते हैं।
(5) हमारे पिता हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(6) पिता हमें जीने की राह सिखाते हैं।
(7) पिता अपने बच्चे को डर के आगे जीतना सिखाते हैं।
(8) हम सभी को अपने माता-पिता का सम्मान करना चाहिए।
(9) पिता अपने बच्चों के लिए सर्वप्रथम गुरू होते हैं।
(10) एक आदर्श पिता अपने बच्चों का सच्चा दोस्त भी होता है।
FAQs
उत्तर- पिता अपने बच्चों का सच्चा मार्गदर्शक होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी दुख में नहीं देख सकते हैं। वह जी तोड़कर मेहनत करते हैं ताकि वह कमाई कर सके और अपने बच्चों को अच्छे से पढ़ा-लिखा सके। अपने बच्चों को आत्मनिर्भर एक अच्छा और जिम्मेदार पिता ही बना सकता है। पिता खुद बहुत मजबूत होता है। वह अपने बच्चों को कभी भी टूटने नहीं देता है।
उत्तर- बिन पिता के हमारा जीवन ऐसा लगता है जैसे कि मानो बिन पानी के मछ्ली। पिता अपने बच्चे की हर बुरी और अच्छी परिस्थिति में साथ खड़े रहते हैं। वह अपने बच्चे को किसी भी प्रकार के कष्ट में नहीं देख सकते हैं। पिता खुद को हर पल मजबूत बनाए रखते हैं। वह हमारे प्रेरणास्रोत होते हैं।
उत्तर- पिता शब्द संस्कृत के पितृ शब्द से अस्तित्व में आया।
उत्तर- निडरता और अनुशासन।